शहीद आरक्षी सुनील धान के परिजनों से मिले मुख्यमंत्री, दी 2.66 करोड़ की आर्थिक मदद

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मंगलवार को कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय में झारखंड जगुआर (एसटीएफ) के शहीद आरक्षी सुनील धान के परिजनों ने मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने परिजनों को कुल 2 करोड़ 66 लाख 26 हजार 972 रुपये की सहायता राशि प्रदान की। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पुलिस सैलरी पैकेज के तहत 1.20 करोड़ का चेक सौंपा गया, जबकि गृह विभाग द्वारा 1.46 करोड़ रुपये की राशि सीधे बैंक खाते में क्रेडिट की गई है।

मुख्यमंत्री ने दी शहादत को श्रद्धांजलि, परिजनों से जताई सहानुभूति
मुख्यमंत्री ने शहीद की मां मती फगनी उराइन, पत्नी मती गंदरी धान और बच्चों से सहानुभूतिपूर्वक बातचीत की और उनके पारिवारिक हालात की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा किआरक्षी सुनील धान ने राज्य के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। राज्य सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है। उनकी शहादत को झारखंड कभी नहीं भूलेगा।

नौकरी का प्रस्ताव, शिक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री ने शहीद की पत्नी को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी का प्रस्ताव दिया। इस पर पत्नी ने कहा कि उनके बच्चे अभी छोटे हैं, इसलिए भविष्य में इस पर विचार करेंगी। मुख्यमंत्री ने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी और कहा कि राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।

शहीद परिवार को मिलेगा हर लाभ, पेंशन प्रक्रिया पूरी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहीद परिवार को मिलने वाले सभी लाभ शीघ्र उपलब्ध कराए जाएं। अधिकारियों ने बताया कि पेंशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अगले महीने से राशि मिलनी शुरू हो जाएगी। साथ ही अन्य लाभों की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।

नक्सली हमले में वीरगति को प्राप्त हुए थे सुनील धान
ज्ञात हो कि 12 अप्रैल 2025 को चाईबासा जिले के रातामाटी गांव में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी विस्फोट में आरक्षी सुनील धान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें रांची एयरलिफ्ट कर लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की।

कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीआईजी झारखंड जगुआर इंद्रजीत महथा, सीनियर डीएसपी सुनील कुमार रजवार, एसबीआई के उप महाप्रबंधक मनोज कुमार, मुख्य प्रबंधक विकास कुमार पांडे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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