नई दिल्ली – केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है। नई व्यवस्था के तहत बोर्ड परीक्षा अब वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी — पहली परीक्षा फरवरी-मार्च, और दूसरी मई में होगी।
पहली परीक्षा मुख्य, दूसरी सुधार के लिए
पहली बोर्ड परीक्षा को मुख्य परीक्षा माना जाएगा, जबकि दूसरी परीक्षा को सुधार परीक्षा का दर्जा प्राप्त होगा। यह नई प्रणाली वैकल्पिक होगी — यानी छात्र चाहें तो केवल पहली परीक्षा दें या बेहतर अंक के लिए दूसरी बार भी परीक्षा में बैठ सकते हैं। हालांकि, दोनों परीक्षाओं में विषय बदलने की अनुमति नहीं होगी।
मेरिट सर्टिफिकेट और मूल्यांकन केवल दूसरी परीक्षा के बाद
CBSE के अनुसार, मेरिट सर्टिफिकेट, पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोकॉपी की सुविधा दूसरी परीक्षा के बाद ही उपलब्ध कराई जाएगी।
बदलाव का उद्देश्य: कम तनाव, अधिक लचीलापन
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को कम तनावपूर्ण, विद्यार्थी-केंद्रित और लचीला बनाना है। इस बदलाव के जरिए बोर्ड परीक्षाएं सिर्फ रटने की बजाय विद्यार्थियों की वास्तविक क्षमता और समझ का मूल्यांकन करेंगी।
विंटर बाउंड स्कूलों को मिलेगा परीक्षा चुनने का विकल्प
हिमाचल, सिक्किम, लद्दाख जैसे विंटर बाउंड क्षेत्रों के स्कूलों को बोर्ड परीक्षा के दोनों विकल्पों में से किसी एक को चुनने की सुविधा होगी। हालांकि, यह चुनाव संस्थान स्तर पर किया जाएगा, न कि व्यक्तिगत छात्र द्वारा।
परीक्षा का संभावित कार्यक्रम:
पहली (मुख्य) परीक्षा
प्रारंभ: 17 फरवरी 2026
समाप्त: 7 मार्च 2026
परिणाम घोषित: 20 अप्रैल 2026
दूसरी (सुधार) परीक्षा
प्रारंभ: 5 मई 2026
समाप्त: 20 मई 2026
परिणाम घोषित: 30 जून 2026