निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा छह जुलाई को 90 साल के हो जाएंगे। निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने सोमवार को अपने 90वें जन्मदिन के प्रार्थना समारोह में अब तक का सबसे मजबूत संकेत दिया कि 600 साल पुरानी संस्था उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रहेगी। दलाईलामा की ओर से दिए गए इस संकेत के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वह अपने उत्तराधिकारी का ऐलान कब करेंगे। दलाईलामा उनका नाम नहीं, बल्कि यह पद का संबोधन है, उनका असल नाम ल्हामो धोंडुप है। वहीं तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने अपने समर्थकों, विशेष रूप से तिब्बतियों को भरोसा दिलाया है कि उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है और वह अभी अधिक समय तक जीवित रहेंगे। मुख्य बौद्ध मंदिर मकलोडगंज में तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा दीर्घायु के लिए आयोजित प्रार्थना सभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि मेरा पूरा जीवन बौद्ध धर्म के प्रति समर्पित रहा है और आगे भी ऐसे ही समर्पण की भावना से बौद्ध धर्म के प्रचार व प्रसार सहित तिब्बती समुदाय के लोकहित के प्रति काम करता रहूंगा। दलाईलामा की दीर्घायु के लिए सोमवार को मकलोडगंज स्थित चुगलाखंग बौद्ध मठ में विशेष पूजा-अर्चना कर धर्मगुरु की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने कहा मैं अब 90 साल का हो गया हूं, लेकिन मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त हूं। वहीं पूजा में बड़ी मात्रा में विभिन्न क्षेत्रों से आए तिब्बतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में दलाईलामा का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहींधर्मगुरु दलाईलामा दीर्घायु के लिए आयोजित प्रार्थन सभा में मकलोडगंज स्थित चुगलाखंग बौद्ध मठ सहित नगर निगम की पाॄकग में देश-विदेश से करीब नौ हजार से ज्यादा अनुयायी पहुंचे।