स्वरूप पुरी/सुनील पाल
राजाजी टाइगर रिजर्व में में चल रहा टाइगर ट्रांसलोकेसन का कार्य सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है। पार्क के पश्चिमी छोर में एक बार फिर एक बाघिन नन्हे शावक के साथ नजर आयी है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व पार्क के इसी छेत्र में जिम कॉर्बेट से ट्रांसलोकेट की गई एक बाघिन ने चार शावकों को जन्म दीया था। इसको लेकर राजाजी प्रसाशन व वन महकमा बेहद ही उत्साहित था। वन्ही अब एक और बाघिन अपने नन्हे शावक के साथ देखी गयी है। कैमरा ट्रैप में नन्हे शावक के साथ दिखी यह बाघिन पूर्णतया स्वस्थ है।
जल्द ही ट्रांसलोकेट होगा पांचवा बाघ, सभी टीमें अलर्ट मोड पर
कुछ वर्ष पूर्व बाघों को ट्रांसलोकेसन को लेकर शुरू हुआ कार्य अब अंतिम चरण में है। जिम कॉर्बेट से चार बाघों (एक नर, तीन मादा) को सफलता पूर्वक ट्रांसलोकेट किया जा चुका है। जल्द ही पांचवे बाघ को लाने की तैयारी चल रही है। टाइगर मोनिटरिंग टीम के साथ ही पार्क के निदेशके साकेत बडोला हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। एक पखवाड़े के भीतर दो बाघिनों के नन्हे शावकों के दिखने से पार्क महकमा उत्साहित तो है, मगर अब इन्हें सुरक्षित रखना भी एक बड़ी चुनोती है। फायर सीजन व भीषण गर्मी के बीच मौके पर तैनात वन कर्मी अलर्ट मोड पर है। उम्मीद है कि जो सफल परिणाम टाइगर ट्रांसलोकेसन के बाद आये है, उन्हें देख लगता है जल्द ही यह छेत्र भी बाघों की दहाड़ से गूंजेगा।
“पार्क के पश्चिमी छेत्र में कॉर्बेट से ट्रांसलोकेट की गई एक ओर बाघिन अपने नन्हे शावक के साथ नजर आयी है, एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरी सफलता मिली है। हमारी सभी टीमें हर परिस्थिती व इनके मूवमेंट पर पैनी नजर रख रही है, जल्द ही पांचवा बाघ भी यंहा ट्रांसलोकेट किया जाएगा।”
साकेत बडोला, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व।