केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनने वाले रोपवे प्रोजेक्ट का टेंडर अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) को मिल गया है। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक माना जा रहा है।
4,081 करोड़ की लागत से बनेगा देश का सबसे लंबा रोपवे
नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) ने अदाणी ग्रुप को इस प्रोजेक्ट का लेटर ऑफ अवॉर्ड जारी किया है। प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 4,081 करोड़ रुपये होगी और इसे बनाने में करीब 6 साल का समय लगेगा। पूरा होने के बाद यह देश का सबसे लंबा रोपवे प्रोजेक्ट होगा।
29 साल तक करेगा संचालन
अदाणी समूह इस रोपवे का निर्माण करने के बाद इसे 29 साल तक संचालित और प्रबंधित करेगा। इसके बाद इसे सरकार को सौंप दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 21 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ पहुंचकर किया था। इसी साल अप्रैल में इसकी फाइनेंशियल बिड खोली गई थी और अगस्त में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी।
36 मिनट में पूरी होगी यात्रा
अभी केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए भक्तों को सोनप्रयाग से 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई पैदल, घोड़े-खच्चरों, पालकी या हेलीकॉप्टर से तय करनी पड़ती है। यह सफर करीब 8-9 घंटे लेता है। लेकिन रोपवे बनने के बाद यह दूरी सिर्फ 36 मिनट में तय की जा सकेगी।
श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत
यात्रियों को सोनप्रयाग तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचने की सुविधा मिलती है, लेकिन आगे की यात्रा बेहद कठिन होती है। खासकर बुजुर्ग और महिलाएं चढ़ाई में काफी परेशानी झेलते हैं। रोपवे बन जाने से यह कठिनाई काफी हद तक दूर हो जाएगी।
अक्टूबर 2025 से शुरू होने की उम्मीद
खबरों के मुताबिक, यह रोपवे प्रोजेक्ट अक्टूबर 2025 से शुरू हो सकता है। इसे राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ‘पर्वतमाला परियोजना’ के तहत तैयार किया जा रहा है। एक तरफ के रोपवे में प्रति घंटे लगभग 1,800 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी।
