उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2025 में हुई प्राकृतिक आपदाओं से हुए व्यापक नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से ₹5702.15 करोड़ की विशेष वित्तीय सहायता की मांग की है। राज्य के मुख्य सचिव डॉ. आर. के. सुधांशु और आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव श्री फौकन कुमार सैनी ने यह प्रस्ताव तैयार कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और गृह मंत्रालय को प्रस्तुत किया।
आपदा की गंभीरता और नुकसान का आंकलन
मुख्य सचिव ने बताया कि इस साल मानसून ने पहाड़ी क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई। भूस्खलन, सड़कों और पुलों का नुकसान, आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों को क्षति जैसी घटनाओं ने राज्य की सामान्य जीवनशैली को प्रभावित किया।
मुख्य आंकड़े:
- जनहानि: 79 मौतें, 115 लापता, 90 घायल
- पशुधन नुकसान: 3953 पशु मृत
- आवासीय नुकसान: 238 मकान पूर्ण क्षतिग्रस्त, 2835 आंशिक क्षतिग्रस्त, झोपड़ियाँ और व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी प्रभावित
- विभागीय नुकसान: लोक निर्माण ₹1163.84 करोड़, सिंचाई ₹266.65 करोड़, ऊर्जा ₹123.17 करोड़, अन्य विभागों को भी भारी नुकसान
इसके अतिरिक्त, पूर्व निर्माण, पुनर्वास और सुरक्षा के लिए ₹3758 करोड़ की अतिरिक्त सहायता की मांग की गई है, जिससे कुल मांग ₹5702.15 करोड़ पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के इस कठिन समय में पूरी तरह सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने केंद्र को भेजे प्रस्ताव में स्पष्ट किया कि राज्य को तत्काल आर्थिक सहायता की जरूरत है ताकि प्रभावित परिवारों को शीघ्र राहत और पुनर्वास मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य, मुआवजा वितरण और पुनर्निर्माण के कामों में तेजी लाई है। इसके लिए केंद्र सरकार से मिली दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निरंतर समन्वय किया गया।
8 सितंबर को केंद्रीय टीम का दौरा
आपदा के प्रभाव का जमीनी आकलन करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी टीम 8 सितंबर को उत्तराखंड दौरे पर आएगी। टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आर. पिल्लई करेंगे।
मानव दृष्टिकोण और राहत कार्य
आपदा प्रभावित लोगों की समस्याओं को समझते हुए, राज्य सरकार ने आवासीय, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और पशुपालन क्षेत्रों में तुरंत राहत उपलब्ध कराई। प्रशासन ने आवासीय क्षतिग्रस्त लोगों के लिए अस्थायी आवास और पशुपालन के लिए तत्काल आर्थिक मदद उपलब्ध कराई। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है कि प्रभावित परिवारों की जिंदगी जल्द से जल्द सामान्य हो, और भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए ठोस सुरक्षा उपाय किए जाएँ। उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता और केंद्र के सहयोग से आपदा पुनर्वास की दिशा में ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।