पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद सिंह का निधन, ‘यूपी टाइगर’ के रूप में लोकप्रिय रहे दिग्गज नेता
गोंडा: उत्तर प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री और चार बार के सांसद राजा आनंद सिंह का रविवार देर रात लखनऊ में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर से पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। मनकापुर कोट में गहरा सन्नाटा पसरा हुआ है।
राजनीति में चार दशक से अधिक का प्रभावशाली सफर
राजा आनंद सिंह का जन्म 4 जनवरी 1939 को हुआ था। उन्होंने 1971 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया। इसके बाद वे 1980, 1984 और 1989 में भी सांसद निर्वाचित हुए। कुल चार बार वे गोंडा से लोकसभा सदस्य रहे।
राम लहर में हार, फिर राज्य की राजनीति की ओर रुख
1991 में ‘राम लहर’ के दौरान उन्हें बृजभूषण शरण सिंह से पराजय का सामना करना पड़ा। 1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह ने ही उन्हें हराया। इसके बाद उन्होंने संसदीय राजनीति से दूरी बना ली।
2012 में विधायक और कृषि मंत्री बने
2012 के विधानसभा चुनाव में वे समाजवादी पार्टी से गौरा विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में कृषि मंत्री बनाए गए। इसके कुछ वर्षों बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया।
‘यूपी टाइगर’ के नाम से मशहूर
राजा आनंद सिंह को उनके समर्थक और अनुयायी ‘यूपी टाइगर’ कहकर पुकारते थे। पूर्वांचल की राजनीति में उनका बड़ा दबदबा था। उनके करीबी केबी सिंह के अनुसार, कांग्रेस के दौर में उन्हें चुनाव चिन्ह (सिंबल) तय करने की छूट होती थी और वे जिसे चाहते, टिकट दिलवा देते थे।
“जिसके सिर पर मनकापुर कोट का हाथ होता था, वह सांसद, विधायक या ब्लॉक प्रमुख बनता था“—यह बात जनता में आमतौर पर कही जाती थी।
जनता से था गहरा जुड़ाव
आनंद सिंह का व्यक्तित्व सादा, व्यवहार मिलनसार और राजनीति ज़मीन से जुड़ी हुई थी। उनके निधन से सिर्फ राजनीतिक जगत ही नहीं, बल्कि आमजन में भी गहरा शोक व्याप्त है।
पार्थिव शरीर मनकापुर कोट लाया गया
सोमवार को उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन हेतु मनकापुर कोट लाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं। अंतिम संस्कार पारिवारिक परंपराओं के अनुसार किया जाएगा।
परिवार में राजनीतिक विरासत जारी
वर्तमान में उनके पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं और भारत सरकार में विदेश राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत हैं।