भारतीय मजदूर संघ के स्थापना दिवस पर बड़ी घोषणा, ऋषिकुल में महामना के नाम पर बनेगा शोध संस्थान

हरिद्वार को मिलेगा महामना मालवीय प्राच्य शोध संस्थान: मुख्यमंत्री धामी
हरिद्वार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के ऋषिकुल क्षेत्र में महामना मदन मोहन मालवीय प्राच्य शोध संस्थान की स्थापना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री रविवार को भारतीय मजदूर संघ के 70वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने हरिद्वार पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने जगद्गुरु आश्रम में स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से भेंट कर आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री और जगद्गुरु शंकराचार्य के बीच लगभग डेढ़ घंटे तक विचार-विमर्श हुआ। जगद्गुरु ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय को “ऐतिहासिक” बताया और कहा कि महामना के नाम पर शोध संस्थान की स्थापना, प्रदेश और राष्ट्र के सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को महापुरुषों के विचारों से परिचित होने का अवसर मिलेगा और राज्य की पहचान वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी।

चारधाम यात्रा बनी विकास का प्रतीक: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा की सफलता उत्तराखंड के तेजी से हो रहे विकास की परिचायक है। इस वर्ष अब तक करीब 33 लाख श्रद्धालु देवभूमि के दर्शनों हेतु पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तरकाशी का जगन्नाथ मंदिर और हर्षिल जैसे क्षेत्र भी अब यात्रा मार्ग में पूरी तरह से सुविधाओं से युक्त हैं।

उन्होंने कहा कि यात्रा को सुचारू बनाए रखने के लिए सभी जिलाधिकारियों, SDRF और NDRF के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसको लेकर दो-तीन उच्च स्तरीय बैठकें और आयोजित की जाएंगी। कांवड़ यात्रा की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं।

आपदाएं रोकना संभव नहीं, लेकिन न्यूनिकरण की दिशा में ठोस प्रयास जारी
मुख्यमंत्री ने मानसून के दौरान उत्तराखंड में बादल फटना, भूस्खलन जैसी आपदाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन घटनाओं को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन उनका प्रभाव कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। उन्होंने स्वीकार किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में वास्तविक चुनौतियाँ हैं, लेकिन सरकार इनका समाधान करते हुए यात्राओं को निर्बाध रूप से संचालित कर रही है।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 28 नवंबर 2023 को देहरादून में आयोजित विश्व आपदा सम्मेलन में उत्तराखंड सहित विभिन्न देशों के विशेषज्ञों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन में आपदा न्यूनीकरण की रणनीतियों पर व्यापक चर्चा हुई थी, जिस पर अब सक्रिय कार्यान्वयन किया जा रहा है।

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