स्टेट डाटा सेंटर की सुरक्षा: ITDA के नवाचार और साइबर सुरक्षा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

देहरादून : इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (ITDA) की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि विभाग ने स्टेट डाटा सेंटर की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए हाल ही में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ये कदम डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सहायक हैं।
नितिका खंडेलवाल ने बताया कि डाटा बैकअप और रिकवरी पालिसी को संशोधित कर इसे अधिक सुदृढ़ बनाया गया है। यह नीति डाटा हानि, उपकरण विफलता, या आपदा के समय डाटा की निरंतरता बनाए रखने और सुरक्षित परिवहन एवं कूटलेखन के साथ ऑफसाइट स्टोरेज सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है।
उन्होंने बताया कि नए नियमों के तहत, प्रत्येक तीन महीने में डाटा की अखंडता का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही, संवेदनशील डाटा को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित किया जाएगा। 3-2-1 रणनीति के तहत, डाटा की तीन प्रतियां अलग-अलग माध्यमों पर और एक ऑफसाइट स्टोरेज में रखी जाएंगी।
रैंसमवेयर और साइबर अटैक्स से बचाव के लिए बैकअप की अखंडता की निगरानी और सत्यापन किया जा रहा है। साथ ही, किसी भी साइबर घटना के दौरान डाटा को क्लीन बैकअप से पुनर्स्थापित करने के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। 24×7 सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (SOC) स्थापित कर संचालन शुरू किया गया है। बीते दो महीनों में इस सेंटर ने 1700 से अधिक साइबर अटैक्स को निष्फल कर विभाग की सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत किया है।
नितिका खंडेलवाल ने बताया कि विभाग पहले भी कई सुरक्षा उपाय लागू कर चुका है। वर्तमान में इन नीतियों का पुनरावलोकन और संशोधन करते हुए सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे डिजिटल पब्लिक गुड संरक्षित रहे। इन प्रयासों से न केवल स्टेट डाटा सेंटर की सुरक्षा पुख्ता होगी, बल्कि एक मजबूत साइबर सुरक्षा प्रणाली विकसित होगी।

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