देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने विद्युत वितरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। पिछले 5 वर्षों में यूपीसीएल ने मजबूत विद्युत वितरण प्रणाली स्थापित की है। विद्युत मांग में 10% से अधिक वृद्धि के बावजूद, परिचालन और व्यावसायिक दक्षता में सुधार के लिए अहम कदम उठाए गए हैं।
यूपीसीएल ने 2023-24 में पूरे उत्तराखण्ड में लगभग 4350 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए हैं। साथ ही, डिजिटल ऑटोमेशन को बढ़ावा देने के लिए 59212 वितरण ट्रांसफॉर्मर और 2602 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। ये कदम बिजली की गुणवत्ता और दक्षता को बेहतर बनाने के साथ-साथ लाइन लॉस कम करने में मददगार साबित हो रहे हैं।
भारत सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत यूपीसीएल ने एटीएंडसी हानियों को कम करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वर्ष 2019-20 में 20.44% थी, जिसे घटाकर 2023-24 में 14.54% कर दिया गया। इस सुधार से राजस्व बढ़ा है, तकनीकी दक्षता में सुधार हुआ है, और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली मिल रही है।
उत्तराखण्ड में यूपीसीएल ने न केवल नई लाइनों और उपस्टेशनों का निर्माण किया है, बल्कि स्काडा और आरटी-हैस जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम भी लागू किया है। यह न केवल बिजली वितरण को डिजिटल बना रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को निर्बाध और उच्च गुणवत्ता वाली सेवा भी सुनिश्चित कर रहा है।
यूपीसीएल द्वारा वित्तीय स्थिरता और मांग-आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के प्रयास सराहनीय हैं। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा एटीएंडसी हानियों में 5.8% की कमी लाई गई है। इन प्रयासों से ऊर्जा क्षेत्र की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है और राज्य के उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा है।