वाराणसी में जलेगा पूर्वांचल का सबसे बड़ा 75 फीट का रावण, रामनगर में तैयार हो रहा 60 फीट का पुतला

वाराणसी : विजयदशमी की तैयारियां अब अंतिम दौर में हैं। लाटभैरव की रामलीला में इकोफ्रेंडली रावण, बरेका में 75 फीट और रामनगर में 60 फीट के रावण का दहन किया जाएगा। रामलीला के आयोजन से हिंदू और मुस्लिम दोनों जुड़े हुए हैं। विजयादशमी पर जलने वाले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले मुस्लिम परिवार ही तैयार करते हैं। असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व विजयदशमी 12 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस साल गंगा-वरुणा संगम किनारे लंका मैदान में दशानन रावण का दहन काफी आकर्षक होगा। 500 साल से भी प्राचीन रामलीला में इकोफ्रेंडली रावण आकर्षण का केंद्र होगा। लाटभैरव रामलीला के प्रधानमंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कन्हैयालाल यादव ने कहा कि इस बार 70 फीट के रावण का निर्माण किया जा रहा है।

इस बार के लंका दहन की सबसे खास बात है कि लंका के आगे दो द्वारपाल होंगे और उनके बीच हनुमान जी अंदर जाकर पूरी लंका को जलाते हुए सीता मां को लेकर निकलेंगे। ये दृश्य देखने में काफी आकर्षक होगा। वहीं रावण वध के लिए इको फ्रेंडली आतिशबाजी की जाएगी। इससे कम प्रदूषण होगा। अंबिया मंडी के इश्तियाक अहमद और उनका परिवार तीन पीढि़यों से इस रावण दहन के लिए पुतलों का निर्माण कर रहा है।

खानदानी परंपरा

इश्तियाक 35 वर्षों से पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। वह बताते हैं कि यह उनके खानदानी काम का हिस्सा है। हम सालों से इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं। रावण का एक पुतला तैयार करने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। इसके लिए करीब 15 से 20 हजार रुपये की लागत आती है।

तीन महीने में तैयार होते हैं दो दर्जन से ज्यादा पुतले

रावण के पुतले बनाने के लिए बांस, रंग-बिरंगे कागज, रस्सी, और लकड़ी की स्केल का उपयोग किया जाता है। परिवार की तीन महीने की मेहनत से लगभग दो दर्जन से ज्यादा पुतले तैयार होते हैं, जो वाराणसी के अलावा पूर्वांचल के कई जिलों में भेजे जाते हैं।

रामनगर में तैयार हो रहा 60 फीट का रावण का पुतला

विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में 60 फुट ऊंचे और 30 फीट परिधि का विशालकाय रावण का पुतला आकर्षण का केंद्र होगा। पुतला बनाने में जुटे राजू खान बताते हैं कि उनका यह काम पीढि़यों का है। शुरुआत परदादा हाजी अली हुसैन ने की थी। वह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ लगभग 20 कारीगरों के साथ रामलीला शुरू होने के एक सप्ताह पहले से ही पुतला बनाने में जुट जाते हैं।

बरेका में होगा पूर्वांचल का सबसे ऊंचा पुतला

बरेका में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशालकाय पुतलों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन पुतलों को बनाने का कार्य शमशाद का परिवार कर रहा है। ये परिवार चार पीढ़ियों से दशहरे के पुतले तैयार करने की परंपरा को जीवित रखे हुए है। इस बार वे पूर्वांचल का सबसे ऊंचा 75 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार कर रहे हैं। रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले भी बनाए जा रहे हैं। इस कार्य में उनके परिवार के 12 सदस्य दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। शमशाद ने बताया कि इस परंपरा की शुरुआत उनके नाना ने की थी। उनका परिवार आज भी इसे निभा रहा है। डेढ़ महीने पहले से ही परिवार इस काम में जुट जाता है। इसके अलावा शमशाद का परिवार लंका, मलदहिया, और फुलवरिया के पुतले भी तैयार करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *