हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गुरु के बिना इस जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। गुरु का स्थान ईश्वर और माता पिता से भी ऊपर रखा गया है। गुरु ही शिष्य को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में आयोजित गुरू पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार एक सुनार सोने को तपाकर उसे गहने का आकार देता है। उसी प्रकार एक गुरु भी अपने शिष्य के जीवन को मूल्यवान बनाता है। उसे सही गलत को परखने का हुनर सिखाता है। उन्होंने कहा कि बच्चे की पहली गुरु मां होती है, जो हमें इस संसार से अवगत कराती हैं। वहीं दूसरे स्थान पर गुरु होते हैं जो हमें ज्ञान व भगवान की प्राप्ति का मार्ग बताते हैं। गुरू के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। शिष्य की सफलता के पीछे गुरू का विशेष योगदान होता है। इसलिए अपने गुरू का हमेशा सम्मान करना चाहिए। गुरू का सम्मान करने वाले शिष्य का जीवन सदैव सफलता की और अग्रसर रहता है। इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, महंत दर्शन भारती, महंत रामरतन गिरी, स्वामी आदियोगी, स्वामी रविपुरी, स्वामी राजगिरी, प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा, गौरव शर्मा, अनिल शर्मा सहित राजनीति और समाजसेवा से जुड़े अनेक लोग मौजूद रहे।