उत्तराखंड में इस साल मानसून लगातार मुश्किलें खड़ी कर रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। आज यानी गुरुवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने साफ कहा है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
इन जिलों के लिए अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र ने नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
- इन इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
- बाकी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
- 9 सितंबर तक प्रदेशभर में कहीं न कहीं बारिश का असर देखने को मिलेगा।
520 सड़कें बंद, लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
लगातार हो रही बारिश ने उत्तराखंड की सड़कों को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में इस समय कुल 520 सड़कें बंद हैं। इनमें शामिल हैं:
- 5 राष्ट्रीय राजमार्ग
- 27 राज्य मार्ग
- 17 मुख्य जिला मार्ग
- 8 अन्य जिला मार्ग
- 164 ग्रामीण सड़कें
जिलावार सड़क बंद होने का हाल:
- अल्मोड़ा: 86 सड़कें
- पौड़ी: 71 सड़कें
- उत्तरकाशी: 65 सड़कें
- पिथौरागढ़: 51 सड़कें
- टिहरी: 43 सड़कें
- चमोली: 53 सड़कें
- रुद्रप्रयाग: 43 सड़कें
- हरिद्वार: 5 सड़कें
- देहरादून: 49 सड़कें
- चंपावत: 9 सड़कें
- बागेश्वर: 12 सड़कें
- नैनीताल: 32 सड़कें
- ऊधमसिंह नगर: 1 सड़क
इन सड़कों के बंद होने से गांवों का संपर्क कट गया है और आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर जरूरी सामान और दवाइयां पहुंचाना भी चुनौती बना हुआ है।
प्रशासन की चुनौती
बारिश से बार-बार सड़कें टूट रही हैं और पहाड़ों में भूस्खलन का खतरा बढ़ा हुआ है। लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें सड़कों को खोलने में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश राहत कार्य में बाधा बन रही है।
लोगों की पीड़ा
पर्वतीय जिलों में रहने वाले लोग हर दिन बारिश से जूझ रहे हैं।
- ग्रामीण इलाकों में जरूरी सामान की सप्लाई प्रभावित है।
- कई लोग अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे।
- बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा – “हम हर साल बारिश झेलते हैं लेकिन इस बार हालात और खराब हैं। सड़कों के बंद होने से गांवों में जिंदगी रुक गई है।”